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-वाटरशेड में करोड़ों का गोलमाल,सीधी विधायक पहुची कार्यस्थल।सीधी जिले को चारागाह समझ चुके अधिकारी,जन मूलक योजनाओं में बन्दरबांट।अधोसंरचना के र्निमाण में ठेकेदारी, गुणवत्ता का अभाव,एक ही कार्य में दो मद से दर्शाया,विना उपयोगिता के करा दिये लाखों के र्निमाण कार्य।

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-सीधी जिले के जिलापंचायत सहित तकनीकी अधिकारियों ने बाटरशेड-02 परियोजना के नाम पर जबरदस्त गोलमाल किया गया यह प्रोजेक्ट -1268.96 करोड रूपये की परियोजना थी जिसमें अधोसंरचना में 57 प्रतिशत राशि व्यय किया जाना था मौके पर लगभग 06 करोड की अधोसंरचना का र्निमाण कराया जाना था वित्तीय वर्ष-2021-2022,2022-2023,2023-2024 जिसमें सीधी ब्लाक के बरहाई ,भगोगर ,सेन्दुरा,कोचिला डोल कोठार,बरमबाबा,तेगवा, कुल मिला 08ग्रामपचायतो में तीन वर्ष 06 करोड व दो ग्रामपंचायते यह संयोग कहा जाय या फिर प्रयोग वाटशेड जिन हितग्राही मूलक कार्यों को विभाग ने कराने का दावा कर रहा उसी ग्रामपंचायत में हितग्राहियों का कहना है कि उसी काम मे हमने भी उसी काम को करवाया है यही नहीं एक ही स्थान पर वाटर शेड व आर ई एस दोनों ने र्निमाण दिखाया है काम एक है पैसे दो विभाग ने निकाला।मौके पर जाकर देखा जाय तो अधिकारियों ने इस तरह का गोलमाल किया है कि अधोसंरचनाओं की जहां आवश्यकता थी वहां बनाया भी नहीं गया है।जो कार्य जमीन पर दिखाई दे रहे उनके हालात इतनी घटिया है र्निधारित मूल्य का 30 प्रतिशत राशि व्यय होना दिखाई देता है।
इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब सीधी विधायक श्रीमती रीती पाठक को यह शिकायत मिली कि वाटर शेड के काम में भारी गोलमाल किया गया है अधोसंरचनाओं के र्निमाण में ठेदारी प्रथा का उपयोग वाटर शेड में हुआ है चहेते लोगों को काम दिया गया वाटरशे के आधिकारिक अमले ने जमकर धाधली कराया है।जिन अधोसंरचनाओं कार्निमाण कराया गया है उनकी उस जगह कोई उपयोगिता नहीं थी।एक ही काम को वाटर शेड व
आरईएस ने भी कराया है और दोनों ने अपने-अपने विभाग से पैसा निकाला है यही नहीं बल्की हितग्राहियों ने भी उसी कार्य में अपने लिए जेसीबी चलवाया है जब मौके पर विधायक श्रीमती रीती पाठक पहुंची तो अधिकारियों को जम कर फटकार लगाया गया और जिम्मेदारों पर जवाबदेही तय करने प्रदेश के वरिष्ट अधिकारियों के साथ प्रदेश की विधानसभा तक मुद्दे उठाने और आवश्यक कार्यवाही की धमकी दी।
-इन अधोसंरचनाओं में हुआ गोलमाल।
1-सीधी विधानसभा के बरमबाबा के जिन अधोसंरचनाओं का विधायक द्वारा निरीक्षण किया गया है उनमे बरमबाबा तिलमानी अमृतसरोवर,स्विकृत राशि 22.86 ब्यय-21.92 लाख मौके पर -05 लाख की अधोसंरचना मौजूद नहीं दिखाई देती हितग्राही का कहना है की मैंने भी दो दिन 40 घंटे जेसीबी चलवाया है एसडीओ आर ई एस ने मौके पर आरोप लगाया की वाटरसशेड के अमले ने विना वेरिफिकेशन कार्य करवाया व मनमानी पैसे निकाले।
2-डोल कोठार अमृत सरोवर जिसकी प्रशासन स्वीकृति राशि-28.72 लाख है मौके पर-25.22 लाख व्यय किया गया है यही नहीं इसी सरोवर में आर ई एस विभाग की अधोसंरचना को दिखाकर अलग से पैसा निकाला गया है।एसे ही कुल चार अधोसंरचनाओं का निरीक्षण सीधी विधायक श्रीमती रीती पाठक ने किया जहां पर हर जगह गोलमाल दिखाई दिया है।
-कार्यो की पहचान छिपाने नहीं लगाये बोर्ड।
-सीधी विधायक श्रीमती रीती पाठक मौके पर पहुंची तो कार्यों की गुणवत्ता को देख विभाग पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा र्निमाण कार्य अपूर्ण है पूर्ण दिखा दिया गया।जिले के जन प्रतिनिधियों व भोपाल अधिकारियों को भेजने के लिए जो पावर प्रजेन्टेशन बनाये जाने थे उसमें एक काम को दो विभागों ने अपने पावर प्रेजेन्टेशन में सामिल किया गया कार्य स्थल पर बोर्ड तक नहीं लिखा गया लगाया गया है लेकिन कुछ लिखा नहीं है कि अधिकारियों की करतूतों का खुलासा हो जायेगा।वर्षों से सीधी जिले में वाटरशे के जिला समन्वयक दीपक अहिरवार सीधी का काम देख रहे हैं इन मामलों में उनकी भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है जन मूलक, हितग्राही मूलक योजना में जिस तरह से गोलमाल कराया गया उस पर सख्त कार्यवाही नहीं होती तो जिले के अधिकारी जन मूलक योजनाओं के साथ एसे ही खेलते रहेंगे और सीधी जिला दीपक अहिरवार जैसे अधिकारियों के हाथों लुटता रहेगा अव देखना है सीधी की इस धाधली का मामला मध्य प्रदेश के विधानसभा पटल पर जायेगा और जांच के बाद किस किस पर गाज गिरेगी या फिर इस घटिया अधोसंरचनाओं के लिए उत्तरदाई मानकर वसूली की जायेगी।

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