“अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे भाजपा कार्यकर्ता,अंडरब्रिज को लेकर फूटा गुस्सा,27 अप्रैल को चक्काजाम का ऐलान
सीधी जिले के जनपद पंचायत कुसमी के शंकरपुर में प्रस्तावित ओवरब्रिज और अंडरब्रिज की लोकेशन को लेकर अब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। इस फैसले से नाराज कार्यकर्ताओं ने 27 अप्रैल को सड़क जाम करने का अल्टीमेटम दे दिया है। गुरुवार शाम 4:00 बजे भाजपा नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने सीधी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए चेताया कि यदि निर्माण स्थल पुराने प्रस्तावित स्थान मे नहीं किया बनाया गया तो आंदोलन अपरिहार्य होगा।
मामले पर गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. रामदयाल साहू, शेषमणि मिश्रा, ज्ञान चंद गुप्ता, के.के. सिंह बघेल, रमेश पनाडिया और जीतेंद्र जी शामिल थे। नेताओं ने स्पष्ट कहा कि पुलों का निर्माण वर्तमान स्थान पर होने से आमजन की परेशानी बढ़ेगी, दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहेगी, और यह क्षेत्रीय विकास के उद्देश्य को ही विफल कर देगा।
स्थानीय लोगों की माने तो यह पहला मौका नहीं है जब इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी गई हो। इससे पूर्व आनंद सिंह ददुआ ने भी रेल रोको आंदोलन किया था,और ब्रिज की मांग की थी तब रेल प्रशासन ने अंडर ब्रिज स्वीकृत किया था इसके बाद पुनःआन्दोलन हुआ जिसमें भाजपा के सासंद विधायक सहित प्रशानिक अधिकारी एवं रेलवे ने आदेश जारी करते हुवे भोर ब्रिज मेन रोड मे स्वीकृत कर दिया था,वहीं अब पुराने जगह पर स्वीकृत अंडरब्रिज में काम चालू करने आये ठेकेदार ने भदौरा और कुछ भाजपा नेताओं के साथ सहमति बनायी और अंडरब्रिज का काम चालू कर दिये जिससे वर्षों से मांग करने बाले आनंद सिंह ददुआ सहित अन्य ग्रामीण पुनःशासन के आदेशों का पालन कराने यानी ओभर ब्रिज के जारी आदेश के पालन कराने अल्टीमेटम दे दिया अब जब कलेक्टर तक बात पहुंची तब कलेक्टर सीधी द्वारा ओभर ब्रिज को यथावत रखते हुवे हाल में अंडर ब्रिज का स्थान भदौरा और शंकरपुर के बीच विद्यालय के पास बनने की स्वीकृति दी जिसमें उल्लेख किया कि दोनों गांवों के लोगों को सुविधा मिलेगी, लेकिन अब स्थिति और गंभीर होती जा रही है क्योंकि यह भाजपाइयों का विरोध अब सत्ताधारी दल के भीतर से उठ रहा है।
बताते भाजपा कार्यकर्ताओं की इस बगावती तेवर ने प्रशासन और सरकार दोनों की चिंता बढ़ा दी है। आंदोलन के मद्देनजर प्रशासन की ओर से अब इस मुद्दे पर मंथन शुरू हो चुका है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि समय रहते निर्णय नहीं लिया गया तो वे सड़क पर उतर कर चक्काजाम करेंगे और यह आंदोलन शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली होगा।वहीं मामले को गर्माता देख आनंद सिंह ददुआ ने भी मीडिया पर आकर अपनी वर्षों की चल रही ओभर ब्रिज मांग को लेकर धरना की चेतावनी दे है।
वहीं कुछ बुद्धिजीवियों का मानना है कि जब मेन रोड पर ओभरब्रिज स्वीकृति है तो फिर अभी अंडरब्रिज दोनों गांवों के सेन्टर विद्यालय और सड़क मार्ग से अभी तक नहीं जुड़ा गांव शंकरपुर के लोगों को राहत मिलेगी यानी जिला कलेक्टर एवं खण्ड प्रशासन का निर्णय सही है।रही बात अपनी सरकार के खिलाफ धरना करने बाले नेताओं की तो स्वीकृत ओभर ब्रिज बनने से सभी समस्याओं का हल निकल जायेगा जिसको लेकर आनंद सिंह ददुआ वर्षों से आन्दोलन करते आ रहे हैं।मामले पर कहीं न कही कई लोगों के निजी स्वार्थ की बू भी आ रही है।