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-तहसीलदार ने सिविल कोर्ट से स्थगन के बाद भी माकान गिरवा दिया। बिना नोटिस एवं पंचनामा के घर का ताला तोड़ा गया।

अजय कुमार पाण्डेय

By अजय कुमार पाण्डेय

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-सीधी शहर के मध्य स्थित सम्राट चैक के समीप डी.जे. प्लाजा का निर्माण प्राइवेट व्यक्ति दीपक गुप्ता, भोला गुप्ता एवं पार्टनर कमल कामदार द्वारा ग्राम कोतरकला की भूमि खसरा क्रमांक 372, 686, 687 एवं 689 में कराया जा रहा है। उक्त भूमियों मंे बने शासकीय कार्यालयों एवं आवासीय भवन को ध्वस्त कर दिया गया लेकिन खसरा क्रमांक 372 के अंश भाग 37.08 वर्गमीटर भूमि पर बने दो मंजिला माकान जिसका स्वामित्व रन्नू देवी पत्नी स्व0 भगवानदीन के नाम है को यथावत रखा गया क्योंकि जिला न्यायालय सीधी के सिविल वाद क्रमांक 528ए/1996 के आदेश दिनांक 30.10.2000 में शासन द्वारा कलेक्टर एवं तहसीलदार को यह आदेशित किया गया था कि वादी रन्नू देवी पत्नी स्व0 भगवानदीन कहार को उक्त भूिम और उसमें निर्मित माकान से उस समय तक न हटाया जाय जब तक उसे नगर पालिका क्षेत्र के अन्दर अन्य भूिम पर स्थापित न कर दिया जाय। उक्त आदेश की अवहेलना करते हुये डी.जे. प्लाजा के मालिक एवं पार्टनर द्वारा पहले तो उसके माकान को चारो ओर से बाउन्ड्री बनाकर घेर दिया और आने-जाने का रास्ता बन्द कर दिया इसके बाद माकान के तीनो ओर की दीवाल की नीव तक की खुदाई कर दिया, नल और बिजली का कनेक्शन तोड़ दिया जिससे परेशान होकर रन्नू देवी माकान खाली कर दे लेकिन बेवस, बेसहारा विधवा महिला आखिर कहाँ जाती ऐसा सोच कर वह खतरे के माकान में पूरी परिवार सहित 8-10 सदस्यों के साथ रह रही है।
एक गरीब असहाय के लिये कानूनी कार्यवाही करना ही सबसे बड़ा सहारा था जिसके अनुसार स्थानीय जिला न्यायालय के तृतीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड के न्यायालय में व्यवहारवाद दायर किया जिसका व्यवहारवाद क्रमांक/175ए/2024 है, जिसमें पारित स्थगन आदेश दिनांक 03.06.2024 के अनुसार प्रतिवादीगण दीपक गुप्ता भोला गुप्ता को यह आदेश दिया गया था कि खसरा क्रमांक 372 के अंश भाग रकवा 17 गुणा 34 वर्गफीट अर्थात 37.08 वर्ग मीटर पर बने वादग्रस्त माकान में वादी के शांतिपूर्ण आधिपत्य मंे स्वयं अथवा अन्य किसी के माध्यम से कब्जा तथा हस्तक्षेप करने से निषेधित किया जाता है।
न्यायालय के उक्त आदेश के बाद भी तहसीलदार गोपद बनास श्रीमती जान्हवी शुक्ला ने नगर निरीक्षक के साथ राजस्व व पुलिस कर्मियों जिसमंे महिला पुलिसकर्मी भी थी को लेकर बिना किसी पूर्व सूचना दिये खड़े होकर माकान का ताला तोड़वाकर घर का पूरा सामान बाहर फेकवा दिया, छोटे-छोटे बच्चों को कड़ी धूप में बाहर करवा दिया जो विधिक रूप से उचित नहीं था और मानवीय आधार पर भी ऐसी कार्यवाही नहीं करना चाहिए। यदि प्रशासनिक अधिकारी सिविल कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करेंगे तो न्याय से आम आदमी का विश्वास उठ जायेगा और वह आखिर न्याय पाने कहाँ जायेगा।
विधवा महिला रन्नू देवी ने तहसीलदार गोपद बनास श्रीमती जान्हवी शुक्ला से वक्त माकान गिराने की कार्यवाही के दौरान हांथ जोड़कर विनय करती रही कि न्यायालय के स्टे आर्डर का अपमान न किया जाय लेकिन उनके द्वारा जब तक एक कमरा सीढ़ी की रेलिंग और मकान की नीव की मिट्टी जे.सी.बी. से नहीं खुदवा लिया तब तक मौके पर डटी रही और यह बोल कर गई कि जैसे ही स्टे खत्म होगा इस बार पूरी बिल्डिंग गिरवा दूँगी।
तहसीलदार द्वारा अवैधानिक रूप से कमरा और सीढ़ी गिरवा दिये जाने, माकान का ताला तोड़वाकर गृहस्थी का सामान बाहर फिकवा दिया। न्यायालय के स्टे होने के बाद भी की गई कार्यवाही से पीड़ित महिला ने थाना कोतवाली, पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलेक्टर से गोहार लगाते हुये शिकायत किया है। माकान का ताला तोड़ने वाले निर्माणाधीन डी.जे. प्लाजा के मालिक एवं पार्टनर तथा उसके साथियों के खिलाफ माकान मालिक रन्नू देवी की पुत्री निर्मला कहार ने भी पुलिस थाना कोतवाली, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से शिकायत किया है कि ताला तोड़ने वालों को रोकने पर उनके द्वारा धक्का-मुक्की की गई और महिला आरक्षक ने उसे घसीटकर खींच दिया जिससे उसके कपड़े फट गये और घर से सामान बाहर फेंकने के दौरान रूपये तीन हजार नगद राशि एवं एक सोने की चैन तथा एक अंगूठी चोरी कल ली गई। माकान मालिक बेवा रन्नू देवी ने मुख्यमंत्री, रीवा कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक से भी न्याय की गोहार लगाई है।
अजय कुमार पाण्डेय

अजय कुमार पाण्डेय

प्रतिष्ठित अखबार और न्यूज चैनल में काम करने का अनुभव है। क्राइम, पॉलिटिकल, बिजनेस, ऑटो, गैजेट्स और मनोरंजन बीट्स पर काम किया। अब mplivenews.in की शुरुआत किया है । हमारा मकसद लोगों तक तथ्यों के साथ सही खबरें पहुंचाना है।

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