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-मेला का माला पहुचा हाई कोर्ट – प्रशासन ने नही दी मेला बढ़ाए जाने की अनुमति। -अन्य मेला संचालक को दी मेला लगाने की अनुमति।

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By MPLive News

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-सीधी नगर पालिका परिषद सीधी सम्राट चौक के उत्तरी भाग में निकाय स्वामित्व की भूमि को प्रदर्शनी मेला लगाने के लिए निर्धारित समयावधि के लिए पिछले तीन चार वर्षो से दिया जाता रहा है। आए दिन इस भूमि में प्रदर्शनी मेले का आयोजन बाहर के मेला आयोजकों द्वारा लगाया जाता रहा है।इस दौरान नगर पालिका परिषद सीधी द्वारा मेला संचालकों से अलग अलग भूमि का किराया लिया जाता रहा है। बताते चले की भूमि का साइज को लेकर नगर पालिका बाबुओं ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी थी। कम जगह का आवंटन कर कम शुल्क जमा कराया जाता था और अतरिक्त जगह का पैसा ऊपर ही ऊपर मेला संचालक से लेकर आपस में बांट लिया जाता था। धीरे धीरे इस तरह का मामला जब मीडिया के संज्ञान में आया तब नगर पालिका ने भूमि का साइज बढ़ाकर 160फिट लम्बाई और 140 फिट की चौड़ाई निर्धारित कर पूरा शुल्क जमा कराया जाने लगा जो लगभग 4से5लाख रूपए दो माह का निर्धारित कर दिया गया साथ ही यह कहा गया की संचालित मेला यदि समयावधि बढ़ाना चाहता है तो उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी। बावजूद इसके नगर पालिका का भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हुआ। एनओसी के नाम पार नगर पालिका में राजस्व का काम देख रहे बाबू राकेश सिंह कभी सीएमओ के नाम पर तो कभी सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी रकम लेकर ही एनओसी जारी किया जाता रहा है। अभी हाल ही में एक मामला संज्ञान में आया है की तीन माह पूर्व जिले के क्षेत्रीय दुकानदारों ने मिलकर नगर पालिका से मेला प्रदर्शनी लगाए जाने का एसडीएम गोपद बनास सीधी से मांग की गई जिस पर नगर पालिका के स्वामित्व की भूमि सम्राट चौक स्थित उतरी भाग की एनओसी एवं थाना प्रभारी सिटी कोतवाली सीधी की एनओसी जमा किए जाने कि बात कही गई। कागजात जमा किए जाने के बाद अनुमति दी गई। इस दौरान नगर पालिका द्वारा 5,20,424पांच लाख बीस हजार चार सौ चौबीस रूपए की निर्धारित शुल्क जमा कराई गई लेकिन चुनाव के कारण मेला में नुकसान को देख मेला संचालक ने अतिरिक्त समय की मांग की गई किंतु छेत्रिया मेला संचालक से सुविधा शुल्क न मिलने के कारण नगर पालीका बाबू राकेश सिंह ने एनओसी न दिए जाने दूसरे अन्य मेला संचालक को एनओसी जारी कर दी गई है। ऐसी स्थिति में पीड़ित संचालक ने अपने आर्थिक नुकसान के लिए प्रशासन से न्याय की मांग की जिस पर उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसी स्थिति में मेला संचालक ने न्याय की गुहार हाई कोर्ट न्यायाधीश के समक्ष लगाई है। परिणामस्वरूप हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रिट पिटीसन के तहत मामला कोर्ट में पेश कर याचिकाकर्ता को पूर्ण न्याय मिलने का आश्वासन दिया गया है। इधर नगर पालिका द्वारा नोटिस जारी कर 24 घंटे में भूमि खाली किए जाने का फरमान जारी कर दिया गया है।इतने कम समय में भूमि खाली किया जाना न्याय संगत नहीं है।

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