-प्रदेश में अवैध रेत पर सरकार शिकंजा कसने के लिये पुलिस एवं वन अधिकारियों को अवैध रेत निकासी पर कार्यवाही करने का जिम्मा दिया है इसके बाद भी अधिकारी अवैध रेत निकाशी रोकने मे सफलता हासिल नही कर पा रहे है,रेत की निकासी पर लगाम नहीं लग पा रहे है,इसमे देशी कहावत है कि यदि बाड़ी ही खेत खाने लगे तो फिर सुरक्षा किस तरह से हो पाएगी। जी हांं कुछ ऐसा ही हाल सीधी जिले के कुसमी वनांचल संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र मोहन पार्क जोन क्षेत्र से सुनने और देखने को मिल रहा है। यहां शाम की रात्रि होते ही रेत कारोबारी बंजारी कुसमी मार्ग मे स्थित गोपत नदी पर शाम ढलते ही वाहन लेकर रेत निकालने के लिए लग जाते हैं और सुरक्षा करने वाले वन अधिकारी उनको नजर अंदाज करके आराम से अपने कमरों पर चैन की नींद सोते हैं।यह शिला शिला करीब सालो से चल रहा है।यह आरोप सीधी जयस जिला अध्यक्ष दिनेश सिहं सोर्टिया के द्वारा कुसमी मोहन पार्क के वनकर्मियो के ऊपर लगाया गया है उन्होने अपने बयान पर कहा है कि संजय टाइगर रिजर्व मोहन क्षेत्र में रेगुलर और पार्क दोनो वन के बीच से बंजारी कुसमी मार्ग है। जहां जंगली जीवो का मूमेन्ट दिन एवं रात्रि मे बना रहता है वही सीमा पास की गोपद नदी जहा जंगली जानवर गर्मी मे अपनी प्यास बुझाने नदी के छोर पर पहुंचा करते है ऐसे क्षेत्र से नदी से अवैध करोबारी वन कर्मियो की सह से अपने बाहन गोपद नदी के किनारे पहुंचाकर रेत निकासी कर महगे दामो मे रेत बेच रहे है, जिसमे वनकर्मियो को भी जवर जस्त हिस्सेदारी चल रही है यही कारण है कि बन कर्मचारी सुरक्षा करने की वजाय अवैध कारोबार को बढावा दे रहे है कारोबार करवा रहे है।जिसे रोकने बाले इन जिम्मेदार अधिकारियो ने ही अवैध कारोवारो को संरक्षण दिये है और रेत से मिल रही राशि मे जमकर लूट मची हुयी है।
-विवाद की स्थिति होती है निर्मित।
-जयश जिला अध्यक्ष दिनेश सिंह सोटिया ने मीडिया से यह भी कहा कि संजय टाइगर रिजर्व के गोपत नदी से शाम ढलते ही रेत की निकासी तो शुरू रहती है और वहा नदी मे कई सारे वाहन चालक और मालिक रेत का धंधा करने के लिये पूरी सडक बंद कर देते है जिससे आम लोगो को उस रास्ते से निकलना भी मुशकिल पड जाता है वहा जाम लग जाता है।देखा जाता है कि बनकर्मियों एवं रेत कारोबारी के बीच रास्ते में आए दिन विवाद की स्थिति कमीशन को लेकर होती रहती है,इस तरह की घटना एक दिन नही जब जब कमीशन नही मिलता झगडा वना रहता है।ऐसे मे झगडा बडा रूप न ले ले कोई बडी घटना न घट जाये इस पर प्रशासन को ध्यान देकर अवैध रेत निकासी पर रोक लगा देना चहिये और रही वनकर्मयो कि तो अवैध कार्य मे संलिप्त वन कर्मचारियो की जांच कर उन पर वैधानिक कार्यवाही कर देनी चहिये।
-जंगली जीवो का जीवन भी संकट मे।
जयस जिला अध्यक्ष दिनेश सिहं ने यह भी कहा कि गोपत नदी से रात्रि में रेत की निकासी होती है वह वनकर्मियो की मिली भगत से हो रही है इसका सीधी असर जंगल में विचरण करने वाले जंगली जानवरो पर होता है साथ ही गोपद नदी के जलीय जीवों का जीवन भी संकट में पड़ जाता है,वाहनो के रात्रि मे चलने से जंगली जीव गोपत नदी मे अपनी प्यास बुझाने नही जा पा रहे है। इस लिये संजय टाइगर रिजर्व के जिला अधिकारी इस अवैध कारोबार पर रोक लगाये अन्यथा वन संपदा नष्ट हो जायेगी।