-सीधी जिले के कारनामें हमेशा से ही सुर्खियों में रहते हैं। जहां एक ऐसा करनामा आज सुनाई दिया है जिसको देखकर आप भी जरूर हैरान हो जाएंगे। सीधी जिले के आदिवासी क्षेत्र के कुसमी में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सीएम राइज स्कूल बनाने के लिए ठेकेदार को ठेका दे दिया गया है लेकिन शासकीय अन्य जमीनों को छोड़कर एक ऐसी जमीन में भवन का निर्माण कराया जा रहा है जहां पहले से ही शासकीय भवन बना हुआ है। जिसके लिए उसे गिराना तक पड़ गया।
-एक पल में जमीदोज हो गए भवन
कुसमी का संस्कृतिक भवन इकलौता ऐसा भवन था जहां अक्सर शासकीय विभाग की मीटिंग होती थी चाहे वह तहसीलदार की हो या हो एसडीएम या कलेक्टर की। लेकिन उसको बचाने के लिए किसी ने अपने हाथ नहीं उठाए। सभी अधिकारी व कर्मचारी बस उसको गिरते हुए देख रहे थे लेकिन किसी ने यह पूछना जरूरी नहीं समझा कि आखिर इस बढ़िया बने हुए भवन को क्यों गिराया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा 10 बिल्डिंग को अभी और गिराना है जिसके बाद सीएम राइस स्कूल का निर्माण होना है।
सवाल यही उठता है कि अगर उसे गिरना ही है तो फिर बनवाते ही क्यों है शासन का पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा है। अगर इस भवन को जर्जर दिखाया गया है तो हाल ही में इसमें लगातार मीटिंग कैसे हो रही थी?
और अगर इस भवन को जर्जर नहीं दिखाया गया तो किसकी अनुमति से इस भवन को जमीदोज किया गया है?
अधिकारियों के सामने ही हुआ है यह कारनामा
आदिवासी क्षेत्र में कुसमी एक ऐसा मुख्यालय है जहां सभी अधिकारी व कर्मचारी निवास भी करते हैं और यहां इनका कार्यालय भी है. जहां एसडीएम तहसीलदार और अन्य अधिकारियों के सामने इस भवन को गिराने का कार्य चल रहा था क्योंकि कम राइस स्कूल जहां का निर्माण हो रहा है वह हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में है। प्रशासन का तंत्र इतना मजबूत होता है कि छोटे से छोटी चीज भी उसकी नजर में होती है तो फिर इतना बड़ा कदम उनके बिना पूछे कैसे उठा लिया गया.
वही जब हमने एसडीम एसपी मिश्रा से बात की तो उन्होंने कहा है कि मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. नहीं मुझे किसी ने यह बताया है की सांस्कृतिक भवन को गिराया जा रहा है और ना ही मेरे से कोई भी व्यक्ति ने अनुमति मांगी है। हम अभी इस पूरे मामले को दिखाते हैं कि वह भवन आखिर कैसे और किसकी अनुमति से गिरा दिया गया है।