-विधायक के मंशा पर पानी फेर रहा ठेकेदार।
-सीधी जिले का एक ऐसा विकास खंड जो पूर्णता आदिवासी है। यहां आदिवासी होने की वजह से शासन की नजर सबसे पहले यहां पड़ती है। इसके अलावा विधायक भी अपने स्तर पर लगातार इस क्षेत्र का विकास करने के लिए कोई भी कोर कसर छोड़ते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं। जहां कुसमी के बेलहामहुआ में कन्या शाला शिक्षा परिसर का निर्माण होना है जिसमें करीब 40 करोड रुपए का खर्च आएगा। जिसके लिए बाकायदा टेंडर भी हो चुका है और उसका कार्य भी अब तीव्र गति से चल रहा है।यह कन्या शाला परिसर 19 एकड़ में बनने जा रहा है। जो अपने आप में ही लगभग जिले का एक बड़ा काम माना जा रहा है। लेकिन कन्या शाला परिसर की बाउंड्री बाल का काम अभी चल रहा है लेकिन सूचना बोर्ड तक यहां पर अभी लगाया नहीं गया है। लोगों व अन्य अधिकारियों को यह पता ही नहीं है कि यहां कोई शासकीय बिल्डिंग या भवन बन रहा है या नहीं। जबकि नियम के अनुसार कार्य शुरू होने के पहले ही कार्य ही लागत और कार्य के बारे में विवरण देना और सूचना बोर्ड लगाना ठेकेदार का प्रथम दायित्व है।
-घटिया मटेरियल का किया जा रहा प्रयोग।
इतना ही नहीं सबसे घटिया पदार्थ का प्रयोग यहीं पर किया जा रहा है। बात का अगर करें कंस्ट्रक्शन के काम की तो सबसे पहले काम रेत का होता है लेकिन यहां रेत काफी गुणवत्ता विहीन नजर आ रही है. नदी की रेत न लेकर नालों की रेत निकालकर यहां काम करते हुए ठेकेदार दिखाई दे रहे हैं। 40 करोड़ का काम और बेस ही इतना अगर घटिया हो जाएगा तो वह कितने दिन तक टिकेगा इस बात का अंदाजा आप लगा सकते हैं।आस पड़ोस के रहने वाले ग्रामीणों को भी यह सूचना नहीं है कि यहां आखिर बना क्या रहा है लेकिन जब अधिकारियों से बात की गई तो पता चला कि यहां 40 करोड रुपए की लागत से निर्मित होने जा रहा है कन्या शाला परिसर जो करीब 19 एकड़ में बनाया जाएगा