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-एपीसोड-03 सीधी वाटर शेड घोटाला। -बरमबाबा डोल वाटर शेड संरचना का ये था स्वरूप। -राज्य सरकार से किस तरह की थी गाईडलाइन। -ईओडब्लू, विधानसभा पटल तक जाने को तैयार सीधी वाटर शेड घोटाले का मामला।

अजय कुमार पाण्डेय

By अजय कुमार पाण्डेय

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   -प्रधानमंत्री की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना यानि की पीएम के एस वाय-2.0 अर्तगत स्विकृत परियोजना वर्ष-2021-2022 जिसमें इस परियोजना के तहत -5768 हेक्टेयर को सामिल किया गया था जिसमें परियोजना क्षेत्र के-08 पंचायतो के-17 गाव लाभान्वित होने थे जिसमे बरसाई,भगोहर, सेन्दुरा, कोचिला , डोल कोठार,बरमबाबा, तेगवा,क्षेत्र सामिल किया गया था।जिस परियोजना का लागत मूल्य -1268.96 लाख राशि 12.6 करोड के लगभग,यदि यह परियोजना अपना मूर्त स्वरूप ले पाती तो शायद वाटर शेड कमेटी क्षेत्र के-08 ग्रामपंचायते लाभान्वित होती और किसानों के लिए 5768 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचित हो जाता और हितग्राही लाभान्वित होते लेकिन जिले के वाटर शेड में लगे अधिकारियों ने क्षेत्र का विकास न होने देकर परियोजना को चारागाह समझा और कुछ चिन्हित लोगों को इसमें सामिल किया गया कि वे विरोध न करें और काम भी निकल जाये।इसी लिए मौके पर कोई बोर्ड भी नहीं लगाया गया और एसे ही कार्यों और वाटर शेड के परिकल्पना को साकार होने नहीं दिया गया।
-पीएम के एस वाय-2.0 अर्तगत स्विकृत परियोजना वर्ष-2021-2022 जिसमें इस परियोजना के तहत -5768 हेक्टेयर को सामिल किया गया था जिसमें परियोजना क्षेत्र के-08 पंचायतो के-17 गाव लाभान्वित होने थे जिसमे बरहाई,भगोहर, सेन्दुरा, कोचिला , डोल कोठार,बरमबाबा, तेगवा,क्षेत्र सामिल किया गया था।जिस परियोजना का लागत मूल्य -1268.96 लाख राशि को किस तरह से खर्च करना है जिसका मदवार विवरण इस प्रकार है परियोजना लागत का मेन हेड का-01 प्रतिशत, परियोजना मद का 02 प्रतिशत राशि प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर खर्च करनी थी जब कि इन्टी पोईन्ट एक्टिविटी पर-03 प्रतिशत, मैनेजमेंट कास्ट परियोजना लागत का -10 प्रतिशत रखा गया।नेचुरल रिसोर्सेस मैनेजमेंट यानि कि अधोसंरचना मद में -47 प्रतिशत थी,जब कि प्रोडेक्शन सिस्टम के नाम पर परियोजना लागत का -15 प्रतिशत,एन आर एल एम गर्वनेंस के नाम पर परियोजना लागत का-02 प्रतिशत,लायवली हुड में परियोजना लागत का -15 प्रतिशत,मानिटरिंग व मुल्यांकन के नाम पर-02 प्रतिशत,कन्सोलिडरेशन के नाम पर परियोजना मद का -03 प्रतिशत राशि व्यय किये जाने का प्रावधान था लेकिन अधोसंरचना मद में परियोजना लागत का -47 प्रतिशत राशि जो ब्यय हुआ है उसके बाद शेष बची राशि परियोजना लागत-1268.96 लाख का -53 प्रतिशत राशि किस हिसाब से घोटाला किया गया इस मामले का खुलासा होना अभी बाकी है।परत दर परत इस मामले का खुलासा जल्द किया जायेगा।अभी तक का जो हालात हैं वह यह है कि अब मामला प्रदेश के विधानसभा पटल पर जाना है यही नहीं इसके साथ यह मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रीवा व भोपाल भेजने कि तैयारी की जा रही है।

अजय कुमार पाण्डेय

अजय कुमार पाण्डेय

प्रतिष्ठित अखबार और न्यूज चैनल में काम करने का अनुभव है। क्राइम, पॉलिटिकल, बिजनेस, ऑटो, गैजेट्स और मनोरंजन बीट्स पर काम किया। अब mplivenews.in की शुरुआत किया है । हमारा मकसद लोगों तक तथ्यों के साथ सही खबरें पहुंचाना है।

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