-बारिश के आने के बाद लोगों के घर बह जाते हैं और लोगों के घरों तथा खलिहान में पानी भर जाता है। लेकिन लाखों रुपए की लागत से निर्मित पुल अगर एक ही बरसात में बह जाए तो यह बात हजम नहीं हो रही। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है आदिवासी अंचल कुसमी में कई पुल पहले ही बारिश में बह गए हैं। एक नहीं दो नहीं लगभग इसको मिलकर 6 पुल बह चुके हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही के नाम पर अभी भी सवालिया निशान खड़ा हुआ है।
दरअसल यह पूरा मामला सीधी जिले के कुसमी जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पोडी के चौकी पोड़ी के पीछे स्थित चनवरिया टोला के स्टाप डैम के बगल में 15 लाख रुपए का एक पुल रपटा बना हुआ है। जो महात्मा गांधी नरेगा योजना से ग्राम पंचायत पोडी के द्वारा बनाया गया था वह बह गया है। यानी 15 लाख रुपए पहली बारिश में बह गई है।
*बिना जरुरत बनाई गई थी पुल*
बताया जा रहा है की जिस जगह में यह पुल बनाया गया था वहां पर किसी तरह का रोड नहीं है। इसके बाद भी वहां पर रपटा गुणवत्ता बिहीन बनाया गया था। जिसकी स्वीकृत 2022 और 23 में होना बताया गया है। लेकिन बारिश के पूर्व 2023 में ही उसका निर्माण कार्य किया गया था और घटिया निर्माण कार्य हुआ था मामले में ग्रामीणों मे आक्रोश देखा गया है। बता दें की पहली बारिश से घटिया निर्माण कार्य किया गया था और इसी तरह के कार्य पोडी क्षेत्र मे हुये है जिसकी परत बाई परत एक-एक करके पुल और रपटा क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं।
इन सब में एक बात तो कामन है कि लगातार पुल बह रहे हैं लेकिन अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदारों पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। यहां आदिवासी अंचल होने की वजह से खूब भ्रष्टाचार हो रहा है और इसकी जानकारी जनपद पंचायत सीईओ से लेकर एसडीएम और जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर को भी है. लेकिन यहां ऐसा कोई भी अधिकारी नजर नहीं आ रहा है जो इन पर कार्यवाही कर सके। कई पुल टूट कर बिखर गई है तो कहीं पुल टूट कर बह गई है लेकिन उसके बाद भी शासन का करोड़ों रुपए का पैसा बर्बाद हो रहा है लेकिन जिम्मेदार अभी भी एक्शन लेने से कतरा रहे हैं।