-सीधी जिले की अमिलिया थाना अंतर्गत ग्राम कोदौरा के रहने वाले आदिवासी व्यक्ति के साथ मारपीट की घटना निकलकर सामने आई है। जहां थाने के अंदर एसआई सहित पुलिस कर्मियों ने मारपीट की है। इसके बाद एसपी ने एक सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच भी कर दिया है।दरअसल यह पूरा मामला 20 अगस्त का बताया गया है। जहां 20 अगस्त के दिन कन्हैयालाल वर्मा को पुलिस उसके घर से उठा ले गई जहां कन्हैयालाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस वालों ने यह कहा कि शंखलाम उर्फ रानी वर्मा तुम्हारे खिलाफ कंप्लेन लिखाई है। इसलिए तुम्हें पूछताछ के लिए थाने ले जा रहे हैं। जहां थाने में ले जाकर मेरे साथ जीआई पाइप से मारपीट की है। उसने बताया कि मेरे साथ सब इंस्पेक्टर ऋषि द्विवेदी, के साथ अन्य पुलिसकर्मियों ने मारपीट की है।जानकारी के बाद पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने संज्ञान लिया है और ट्वीट कर मुख्यमंत्री से कार्यवाही की मांग की है।उन्होंने कहा है की सीधी जिले में पुलिस कर्मियों के द्वारा बर्बरता की जा रही है और आदिवासियों के साथ मारपीट कर रही है।इसके बाद एसपी डॉक्टर रविंद्र वर्मा ने सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया है।फिलहाल पुलिस कुछ बोलने से बचती नजर आ रही है।
–श्रीमती रानी वर्मा।
-बसपा नेत्री श्रीमती रानी वर्मा का कहना है कि जो आरोप हमारे उपर कन्हैयालाल पिडित द्वारा लगाया जा रहा है कि हमने अमिलिया पुलिस में पिडित के खिलाफ शिकायत की थी यह तथ्य गलत है उक्त आशय का खुलासा एक स्थानीय होटल में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहीं बसपा नेत्री द्वारा अपने सफाई में देते हुए कहा गया की कांग्रेस के कुछ नेता हमारे राजनैतिक कैरियर को नेस्तनाबूद करना चाहते हैं उनके द्वारा इस मामले में तूल दिया जा रहा है।
–पिडित कन्हैयालाल बर्मा का है कहना।
-इस मामले में पिडित कन्हैयालाल वर्मा का कहना है कि अमिया पुलिस हमको यह कह कर घर से उठा कर ले गई कि रानी बर्मा द्वारा तुम्हारे खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाई है लेकिन रानी वर्मा प्रेस कान्फ्रेंस कर खुलासा कर रही की हमारा पुत्र मिस्टर भी उसी दिन मामले के समय इन लोगों के साथ गया उसे खोजने मैं भी घटना स्थल गई थी हमने अमिलिया पुलिस को कोई लिखित शिकायत उस दिन किसी के खिलाफ नहीं दी थी डायल हन्डेड को केवल सूचना दी गई थी क्योंकि उस दिन शराब के नशे में लोग मेरे साथ बदतमीजी की जा रही थी लेकिन हमने किसी के खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं कराया था अमिलिया पुलिस अपने बचाव में इस तरह का ढोंग रचा जा रहा है।
–अमिलिया पुलिस की भूमिका संदिग्ध।
–अमिलिया पुलिस की भूमिका पूरे मामले में साफ दिखाई दे रही है झूठी जानकारी देकर कन्हैयालाल वर्मा को घर से उठा ले जाना और थाने के पीछे तरफ लेजाकर पाईप से गम्भीर रूप से मारपीट करना यह किसी के गले नहीं उतर रहा है आखिर यह किसके इशारे पर अमिलिया पुलिस ने आदिवासी युवक पर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की गई यह जांच का विषय है यही नहीं थाना प्रभारी राजेश पाण्डेय सीधी कोतवाली में रहे हैं यहां भी विवादित होकर सीधी जिले से स्थानांतरित हुए थे एक आदिवासी युवक सोनू कोल की कोतवाली में मौत हुई थी मारपीट के दौरान ही एसा हादसा हुआ था।एक दो बार पहले भी सीधी आ चुके हैं आखिर यह समझ नहीं आता की आखिर राजेश पाण्डेय को सीधी जिले से कितना लगाव है यह भी जांच का विषय है।
–अमिलिया पुलिस ने डैमेज कन्ट्रोल का किया था प्रयास।
–इस घटना के तीसरे दिन अमिलिया पुलिस ने डैमेज कन्ट्रोल करने के लिए थाने में एक सह भोज का आयोजन किया था इस सहभोज में कुछ दलाल किस्म के लोगों ने भाग लिया था इस सह भोज का मुख्य उद्देश्य इस घटना को मिडिया में न आने देना था इस सह भोज में जिला मुख्यालय के कुछ मिडिया कर्मियों को भी बुलाया गया था जिनको यह जिम्मेदारी दी गई थी कि मामला ज्यादा तूल न पकड़ने दे लेकिन इन सब मनसूबों पर पानी फिरा और मामले में अमिलिया पुलिस व दलालों का मनससूबा नेस्तनाबूद हुआ।
-अमिलिया पुलिस की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह,आदिवासी युवक पर बर्बरता। -राजनैतिक तूल देने के फिराक में लोग, पुलिस की भूमिका निन्दनीय। -अमिलिया पुलिस व कुछ दलालों ने डैमेज कन्टोल का किया था प्रयास रहे असफल। -अमिलिया पुलिस ने दलालों को मिडिया से स्टोरी दूर रखने दि थी जिम्मेदारी।
By MPLive News
Published on: