सीधी जिले के मझौली जनपद के चौहान टोला ग्राम पंचायत के अकौना गांव में शासकीय भूमि पर अबैध निर्माण का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच गंगा शरण तिवारी की देख-रेख में एक दर्जन से अधिक लोग शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य कर रहे हैं, जोकि पूरी तरह से गैरकानूनी है। इन लोगों में लल्ला कोल, रमेश कोल, समय लाल कोल, सुखदेव कोल और आनंद कोल शामिल हैं, जो शासकीय भूमि पर कब्जा कर पक्के निर्माण कार्य कर रहे हैं।
आरोपी यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने आराजी क्रमांक 294, रकबा 01.0 हेक्टेयर भूमि को संतोष कुशवाहा से खरीदकर इस पर निर्माण कार्य शुरू किया है, लेकिन यह भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए है और इसके ऊपर पूर्व सरपंच द्वारा सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है।
इस भूमि का मुख्य उद्देश्य अबैध तरीके से कब्जा करना और उसे अपने निजी उपयोग में लाना बताया जा रहा है। ग्राम पंचायत के शासकीय बेशकीमती जमीन पर इस प्रकार का कब्जा करने का आरोप मझौली राजस्व अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, आरआई और पटवारी के मूक समर्थन पर भी लग रहा है, जिनकी स्वीकृति के कारण आरोपी अबैध कब्जा कर पा रहे हैं।
अतीत में मझौली के खंड राजस्व अमले ने इस भूमि पर अबैध कब्जा मुक्त कराया था, लेकिन फिर भी आरोपी उसी भूमि पर निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं। इस बारे में मझौली राजस्व अमला मौन बना हुआ है, जिससे इन आरोपियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
ग्राम पंचायत के सरपंच गंगा शरण तिवारी की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध रही है। आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर इस अवैध निर्माण की प्रक्रिया में अपना सहयोग दिया है, जिससे आरोपियों को शासकीय भूमि पर कब्जा करने का अवसर मिला।
इस प्रकार के अवैध निर्माण और अतिक्रमण की घटनाएँ न केवल स्थानीय प्रशासन की नाकामी को उजागर करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि कानून का पालन कराने में पूरी तरह से लापरवाही बरती जा रही है। अब यह देखना होगा कि मझौली प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है और इस अवैध कब्जे को रोकने में कितनी सफलता प्राप्त करता है।