-सीधी जिले में स्वयं सेवी संस्थाओं के समृद्धि योजना 2024-2025 के तहत आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीधी के सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने जिले के स्वयं सेवी संस्थाओं के कार्यों की सराहना करते हुए उनके द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। साथ ही, उन्होंने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए।
इस कार्यक्रम में डॉ. मिश्रा ने जिले के स्वयं सेवी संस्थाओं को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए, जो उनके कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने खासतौर पर कुछ मुद्दों पर जोर दिया जो जिले की समृद्धि और विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
1. गोद संरक्षण पर जोर
सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने गोद संरक्षण को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जिले में सभी स्वयं सेवी संस्थाओं को गोद संरक्षण के महत्व को समझते हुए इस दिशा में कार्य करना चाहिए। गोद संरक्षण से न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में योगदान दें।
2. जैविक खेती को बढ़ावा देने की अपील
सांसद ने जैविक खेती के महत्व को समझते हुए कहा कि यह न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित करें और इसके बारे में जागरूकता अभियान चलाएं। जैविक खेती से उत्पादित फसलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और बाजार में उनकी मांग भी बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
3. धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता
सांसद ने धर्म परिवर्तन रोकने के संदर्भ में भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन एक संवेदनशील मुद्दा है, और इसका समाधान समाज की एकजुटता में ही निहित है। उन्होंने सभी स्वयं सेवी संस्थाओं से आग्रह किया कि वे समाज में धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाएं और इसके खिलाफ कानूनों का पालन सुनिश्चित करें।
4. बाहरी व्यक्तियों की जानकारी रखने की अपील
डॉ. मिश्रा ने जिले के स्वयं सेवी संस्थाओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में आने-जाने वाले बाहरी व्यक्तियों की जानकारी रखें। यह कदम जिले में सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है, खासकर ऐसे समय में जब देश और राज्य में सुरक्षा के मामले महत्वपूर्ण हो गए हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बाहरी लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने का सुझाव दिया। यह कदम समाज में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
5. जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर
सांसद ने स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्य से यह भी कहा कि वे शासन द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन इन योजनाओं का लाभ सही रूप से गरीब और जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। स्वयं सेवी संस्थाओं को इस कार्य में अधिक सक्रिय रूप से शामिल होने की आवश्यकता है ताकि शासन की योजनाएं अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकें।
6. क्षेत्रीय विकास में योगदान
डॉ. मिश्रा ने स्वयं सेवी संस्थाओं से यह भी कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवी संस्थाएं एक पुल का काम कर सकती हैं, जो सरकार और जनता के बीच में सहयोग स्थापित करती हैं। इससे योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा, और इसका लाभ सीधे-सीधे जनहित में होगा। उन्होंने संस्थाओं से अपील की कि वे न केवल सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम करें, बल्कि स्थानीय स्तर पर लोगों को इन योजनाओं से लाभ उठाने के लिए जागरूक भी करें।
7. स्वयं सेवी संस्थाओं की जिम्मेदारी
सांसद ने स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्यों को यह महसूस कराया कि उनका कार्य समाज में बदलाव लाने के लिए बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि स्वयं सेवी संस्थाओं को समाज में व्याप्त कुरीतियों, बुराइयों और अन्य नकारात्मक पहलुओं को खत्म करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने संस्थाओं से अपील की कि वे समाज के हर वर्ग के साथ संवाद करें और उन्हें जागरूक करें ताकि समाज में समानता, भाईचारे और सहिष्णुता को बढ़ावा मिल सके।
निष्कर्ष
स्वयं सेवी संस्थाओं के समृद्धि योजना 2024-2025 के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. राजेश मिश्रा ने अपनी उपस्थिति से न केवल कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन किया, बल्कि उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझाने का प्रयास भी किया। उनके द्वारा दिए गए सुझाव और दिशा-निर्देश न केवल संस्थाओं के कार्यों को अधिक प्रभावी बनाएंगे, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद करेंगे। इस अवसर पर स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्यों ने भी सांसद के सुझावों पर गम्भीरता से विचार करने का संकल्प लिया और उन्हें अपने कार्यों में शामिल करने का वादा किया।