-राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश श्री प्रयाग लाल दिनकर के मार्गदर्शन में दिनांक 08 मार्च 2025 को जिला न्यायालय सीधी एवं सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन तथा मझौली में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्रयाग लाल दिनकर, विशेष न्यायाधीश एवं प्रभारी अधिकारी नेशनल लोक अदालत यतीन्द कुमार गुरू, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह एवं अन्य न्यायाधीशगण द्वारा जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्वलन कर किया गया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रयाग लाल दिनकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आपसी राजीनामा से प्रकरणों का निराकरण सर्वाेत्तम तरीका है। प्रकरणों का आपसी सहमति से निराकरण होने पर पक्षकारों के मध्य वैमनस्यता हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। दिनकर ने कहा कि न्यायालय में नेशनल लोक अदालत, एक उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए जिससे कि प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो सके। न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनकर ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का जल्दी निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की एवं अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रेरित किया।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि लोक अदालत को सफल बनाने में वकीलों का अहम योगदान रहा है। समझौता एक ऐसा विकल्प है जिसमें आगे होने वाली लड़ाई समाप्त हो जाती है। सिंह ने अभिभाषकगण को अंतिम समय तक लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण करने हेतु बल दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुकेश कुमार शिवहरे ने न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से प्रकरणों का निराकरण मध्यस्थता के माध्यम से करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने कार्यक्रम में उपस्थित हुये समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया तथा नेशनल लोक अदालत में अधिवक्तागण से सहयोग की अपेक्षा की। कार्यक्रम का संचालन रूपेन्द्र कुमार मिश्रा सहायक ग्रेड-3 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी द्वारा किया गया।
नेशनल लोक अदालत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम में उपस्थित समस्त महिलाओं का स्वागत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश/श्रृंख्ला न्यायालय रामपुर नैकिन मनीष कुमार श्रीवास्तव, प्रथम जिला न्यायाधीश राजेश कुमार श्रीवास्तव, चतुर्थ जिला न्यायाधीश गौतम कुमार गुजरे, प्रथम जिला न्यायाधीश सीधी के न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुश्री उर्मिला यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण डोडवे, न्यायाधीशगण श्रीमती रेनू श्रीवास्तव, सोनू जैन, कपिल देव काछी, मृदुल लटौरिया, अभिषेक साहू, सुशील गहलोत, श्रीमती भारती शर्मा जिला अभियोजन अधिकारी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री प्रशांत पाण्डेय सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती पूजा गोस्वामी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल देवेन्द्र प्रसाद मिश्रा, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल विनोद कुमार श्रीवास्तव, बाबूलाल सिंह, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल सत्यप्रकाश पाण्डेय, देवेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ऋषभ सिंह तथा अधिवक्तागण राजेन्द्र सिंह परिहार, उदयकमल मिश्रा, विद्याकांत मिश्रा सचिव जिला अधिवक्ता संघ सहित अन्य अधिवक्तागण तथा विद्युत विभाग से पंचराज तिवारी अधीक्षण यंत्री, बैंक एवं नगरीय निकाय के प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के सदस्य एवं जिला न्यायालय तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
जिला विधिक सहायता अधिकारी सिद्धार्थ शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सीधी में 12 खण्डपीठे, व्यवहार न्यायालय चुरहट में 04, मझौली में 01 व रामपुर नैकिन में 02 खंडपीठे गठित की जाकर कुल 19 न्यायिक खण्डपीठे गठित की गई थी। नेशनल लोक अदालत में समझौता योग्य आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशियेबल इस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय तथा, नगर पालिका के जलकर से संबंधित प्रकरणों के सहित विद्युत वितरण कम्पनी, समस्त बैंकों के ऋण वसूली मुकदमा पूर्व प्री-लिटिगेशन के प्रकरण इस लोक अदालत में निपटारे हेतु रखे गये।
सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित कुल 1567 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 278 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इसी प्रकार कुल 4871 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 911 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 1189 प्रकरणों का निराकरण हुआ। मोटर दुर्घटना दावा के अन्तर्गत 10 क्लेम प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें पक्षकारों को 6300000 रूपये की क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हुई। विद्युत अधिनियम से संबंधित एवं न्यायालय में लंबित 45 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 485997 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा विद्युत के 273 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 1377773 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नेशनल लोक अदालत में 3050200 रूपये के चेक बाउंस के 18 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत में 159 आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों, 11 वैवाहिक प्रकरणों, 12 सिविल प्रकरणों तथा 21 अन्य प्रकरणों का निराकरण सफलतापूर्वक किया गया। नेशनल लोक अदालत में बैंक वसूली के 91 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें विभिन्न बैंकों को 13453327 रूपये की राशि प्राप्त हुई। नगरीय निकाय के अन्तर्गत, जलकर कर के 64 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें नगरीय निकायों को लगभग 171165 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।